माणिक्य रत्न ओर ज्योतिष शास्त्र | Ruby Gemstone

 माणिक्य रत्न ओर ज्योतिष शास्त्र Roby Gemston

चलिए आज जानते है माणिक्य रत्न ओर ज्योतिष शास्त्र के बारे में।

Ruby Gemstone

शुद्ध माणिक की पहचान कैसे करें?


माणिक्य को आंखों पर लगाने से आंखों में ठंडक आती है।
मेष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक और धनु या समान लग्न को माणिक रत्न धारण करने से लाभ मिलता है। जो लोग चंद्र कुंडली में सूर्य ग्रह होने पर भी अपना शुभ प्रभाव नहीं देते हैं, उन्हें भी माणिक रत्न धारण करना चाहिए, इससे उनके जीवन में लाभ मिलेगा।

सूर्य सिंह राशि का स्वामी होता है अतः माणिक धारण करने से व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है, वर्चस्व की क्षमता भी बढ़ती है, मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्तियां भी बढ़ती हैं, आत्मोन्नति एवं संतान सुख भी बढ़ता है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि माणिक लग्न, दशा तथा ग्रह-गोचर का अध्ययन करके ही धारण करें। इस रत्न के साथ कभी भी हीरा, गोमेद एवं नीलम नहीं पहनना चाहिए। माणिक रक्तवर्धक, वायुनाशक और पेट रोगों में लाभकारी सिद्ध होता है। यह मानसिक रोग एवं नेत्र रोग में भी फायदा करता है ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि लाभ होने पर चेहरा चमकने लगता है और आत्मविश्वास बढ़ जाता है, राजकीय कार्य और प्रशासन में विशेष लाभ होता है, पिता और परिवार से रिश्ते अच्छे होने लगते हैं.!! 

दोस्तो अगर आप Roby Gemston खरीदना या कीमत देखना चाहते हैं तो देख सकते हैं

Roby Gemston Price.

माणिक्य रत्न की कीमत देखें 

उपरोक्त रूबी रत्न कौन से हैं?


गार्नेट, लालडी, स्पाइनल रूबी, स्टार रूबी, रेड गार्निश, रेड हॉक, सन स्टार।

माणिक रत्न के बारे में पूरी जानकारी।


रत्न को किसी अंगूठी या लॉकेट में इस तरह रखना चाहिए कि अंगूठी का निचला भाग खोखला हो और रत्न उंगली की त्वचा या शरीर को स्पर्श करे। रत्न की अंगूठी बनाने और धारण करने के लिए शुभ समय आवश्यक है। रत्न धारण करने से पहले उनके जीवन का सम्मान करना चाहिए। यदि शुभ मुहूर्त प्राप्त करना या गरिमामय जीवन प्राप्त करना संभव न हो तो माणिक्य रत्न को निम्न दशा में धारण करना चाहिए।

रविवार को सूर्योदय के बाद पहले घंटे में पहनना चाहिए।
 चन्द्रमा का बल बलवान होना चाहिए अर्थात दिन शुक्ल पक्ष की अष्टमी और कृष्ण पक्ष की अष्टमी के बीच का होना चाहिए।
रत्न की अंगूठी को गंगाजल या दूध से धोकर धारण करना चाहिए।
अँगूठी पूर्व दिशा की ओर, अपने प्रिय देवता का स्मरण करके और अँगूठी धारण करके ही धारण करनी चाहिए।
ओम घृणि सूर्याय नमः का 108 बार जाप करने के बाद रत्न धारण करना चाहिए।
माणिक रत्न के साथ हीरा, नीलम, गोमेद, लहसुन कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।


माणिक्य, जिसे सुबह सूर्य के सामने रखा जाता है, उससे लाल किरणें फैलती हैं, यह अच्छा होता है।
दूध में माणिक्य मिलाने से दूध लाल दिखाई देता है।
माणिक को अँधेरे में रखने से प्रकाश की प्राप्ति होती है।
कमल की पंखुड़ियों में माणिक्य रखने से माणिक चमकने लगता है।
यदि माणिक रत्न को पत्थर पर रगड़ने से, पत्थर को रगड़ने से और माणिक रत्न को धारण न करने से माणिक्य असली होता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ