फिल्म सूर्यवंशी | suryavanshi movie review

  "सूर्यवंशी" समीक्षा

किसी ने ये फिल्म देखी हो और वह इसकी प्रशंसा करे या फिर सिर्फ साधारण भी कहे तो समझ लीजिए कि या तो वह महामूर्ख है या फिर ऐसा पक्का सेकुलर , जिसे हिन्दुत्व से कोई लेना देना नहीं..

ऐसा मैं क्यों कह रहा हूँ नीचे वर्णित 4 सीन से सिद्ध हो जायेगा..

1. फिल्म के प्रारम्भ में, पाकिस्तान मे बैठे आतंकवादियो के सरगना और *अल कायदा' के फाउंडर  जैकी श्राफ को उसकी बीबी आतंकवाद छोडने को कहती है ( आश्चर्य! ) तो वह बेचारा बहुत ही बेबस चेहरा बना कर कहता है...

"हमें हिन्दुस्तान ने अपने मुल्क से निकाल दिया (यानि वे बिचारे तो पाकिस्तान चाहते ही न थे)

 तब मै 5 साल का था तो मेरे सामने ही मेरे माँ बाप का कत्ल कर दिया गया और बहन के साथ बलात्कार किया गया तो मै क्या करता ? बदला तो हमे लेना ही था। (तब तो हमारे यहाँ भी लाखो लोग आतंकवादी बन जाते)



2. इसके बाद मुंबई का ट्रेन ब्लास्ट दिखाते हैं और अजय देवगन की आवाज सुनाई जाती है..हमारे बुजुर्गो  ने जो गलतियाँ की उसकी सजा आज हम भुगत रहे हैं 

इसका मतलब क्या ?? 

यानि हमने 1947 मे मुस्लिमो पर अत्याचार किये या फिर हम विभाजन के लिये जिम्मेदार थे और इन बम ब्लास्ट के लिये हमारे ही बुजुर्ग जिम्मेदार है...

(बेहद बेहूदा स्क्रिप्ट)


3. एक मस्जिद और मंदिर के पास बम रखे है सारे मुस्लिम भागते नही बल्कि मंदिर मे जमा हिन्दुओ को बाहर निकलने मे मदद करते है..


फिर पैरो से जूते चप्पल उतार कर मंदिर मे घुस कर गणेश जी की विशाल मूर्ति उठा कर उसे सुरक्षित स्थान पर पहुँचाते है जबकि वहाँ के भागते हिन्दु भक्तो को  गणेश जी की कोई चिन्ता नहीं 

(मेरी तो आँखे भर आयी ये देख कर कि मुस्लिम कितने अच्छे होते हैं ??)


4. भारत में आतंकवादियो का सरगना बिलाल है जो 1993 के मुम्बई ब्लास्ट का मास्टर माइंड  भी है चेहरे से बेहद मासुम, बेहद इमोशनल 

*वह आत्महत्या करने से पहले कहता है कि "मैने ये सब ब्लास्ट इसलिये किये कि मेरी बीबी बच्चे सभी को यहाँ जिन्दा जला दिया गया.. यानी हिंदू इतना बेरहम था कि उन्होंने मुस्लिमों को जिंदा जला दिया था वाह क्या बात है😠


इस फिल्म को देख कर लगता है कि यह पाकिस्तान मे बनाई गयी  है और फिल्म का मुख्य उद्देश्य  आतंकवादियों को अत्याचार का शिकार और मजबूरी मे सिर्फ  प्रतिशोध लेने के लिये आतंकी और जिहादी बनना पडता है।


इसके प्रोड्यूसर करन जौहर और रोहित शेट्टी है निर्देशक भी रोहित शैट्टी है।

फिल्म बनने के बाद अक्षय , अजय देवगन ने भी देखी होगी.. ये है हिन्दुओ के शत्रु बालीवुड सितारे जिन्हे हम हीरो कह कर बुलाते हैं और अपने कमरे में इनकी फोटो सजाए रहते हैं..

और उनसे भी अधिक मूर्ख हैं हम जो देख कर बाहर आ इस फिल्म की निन्दा भी नही करते दूसरो को हतोत्साहित भी नही करते...

मुझे लगता है फिल्म सेंसर बोर्ड तो कभी भी प्रभावी ही नही रहा तभी तो हैदर, पीके , ओ एम जी जैसी फिल्मे आ सकी..


ऐसी फिल्मों भले ही सुपर डुपर हिट हो जाए करोड़ों का बिजनेस कर ले लेकिन मेरा मानना है ऐसी फिल्मों का फ्लॉप होना अनिवार्य है... 

मैं सभी राष्ट्रवादी साथियों से निवेदन करता हूं कृपया पैसा खर्च करके इस प्रकार की फिल्म ना देखें ना ही लोगों को इस प्रकार की फिल्म देखने का आग्रह करें

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